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पेपर लीक मामले में सिद्धार्थनगर पुलिस और STF की बड़ी कार्रवाई, नकल सामग्री के साथ चार आरोपी गिरफ्तार

सिद्धार्थनगर की एसपी प्राची सिंह ने बताया कि सिद्धार्थनगर जिले की पुलिस और एसटीएफ की टीम को सफलता मिली है. नेपाल बॉर्डर के पास बढ़नी-ढेबरुआ शोहरतगढ़ रोड के गणेश तिराहा पर आरोपियों को अरेस्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि 17 और 18 फरवरी को यूपी में नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में काफी तादाद में सॉल्वर्स को पकड़ा गया था. जनपद सिद्धार्थनगर में भी 10 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. क्योंकि इसमें और भी कई लोग जुड़े थे इसलिए जनपद लेवल पर एसओजी और सर्विलांस की विशेष टीम बनाई गई थी.

इस टीम ने काफी काम किया और इसमें एसटीएफ गोरखपुर की भी मदद ली गई है. उन्होंने बताया कि इसमें चार आरोपियों को अरेस्ट किया गया है. इन चार लोगों की पहचान हावड़ा (पश्चिम बंगाल) के रहने वाले बिट्टू कुमार यादव, देवरिया जिले के देवरिया कोतवाली थानाक्षेत्र के कैलानी गांव के रहने वाले संजय कुमार गौड़, देवरिया के भटनी के रहने वाले नटराज प्रजापति और सलेमपुर के रहने वाले जितेंद्र कुमार भारती के रूप में हुई है. इन आरोपियों में संजय कुमार गौड़ पूर्व में भी साइबर थाना लखनऊ से परीक्षा लीक मामले में एसटीएफ द्वारा जेल भेजा जा चुका है. 

 एसओजी और इटवा पुलिस की टीम साल्वरों के नेटवर्क को पकड़ने में जुटी थी। इसी बीच पूर्व पकड़े गए साल्वर के एक सहयोगी से कुछ आहम जानकारी मिली थी।सहयोगी से कुछ आहम जानकारी मिली थी। पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर आगे बढ़ी तो पता चला कि यह पेपर लीक करने में भी शामिल हैं। नेटवर्क से नेटवर्क को जोड़ते हुए पुलिस संबंधित दो को ट्रेस कर पाई। और उनकी धर पकड़ के लिए जाल बिछाने लगी। क्योंकि पेपर लीक होने के बाद से वह लगातार स्थान और लोकेशन बदल रहे थे। लेकिन पुलिस टीम उनके सोच से दो कदम आगे चल रही थी। इस नेटवर्क का नतीजा रहा की मुखबिर और सर्विलांस के जरिए चार आरोपी दबोच लिए गए।

पेपर लीक करने वाले चार आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस या नतीजे पर पहुंची है कि पकड़े गए साल भर पहले ही प्रश्न पत्र पढ़ चुके थे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वह देखते ही देखते सभी प्रश्नों का चंद मिनट में उत्तर दे देते। इसी के लिए उन्होंने इतने बड़े रकम की डील करके परीक्षा पास कराने का ठेका ले रखा था

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बरामदगी का विवरण

32 अदद मार्कशीट विभिन्न अभ्यर्थियों के, 01 अदद प्रमाण पत्र ,14 अदद ब्लैंक चेक, चेकबुक 3 अदद , पासबुक 2 अदद , स्टाम्प 7 अदद, इकरारनामा -2 अदद, उप्र पुलिस भती परीक्षा एप्लीकेशन फार्म-3 अदद, एडिमिट कार्ड 01 अदद, मोबाइल 6 अदद, 01 अदद लैपटाॅप मय चार्जर, 6 अदद एटीएम कार्ड, श्रमकार्ड 01 अदद , पैन कार्ड 01 अदद, आधार कार्ड 10 अदद, पहचान पत्र-2 अदद, रेलवे टिकट 9 अदद ।

पूछताछ में उगले राज

पकड़े गये आरोपियों ने बताया गया कि जितेन्द्र कुमार भारती उपरोक्त द्वारा तीन लाख रुपये व अभ्यर्थी से गारंटी के रुप में मूल मार्कशीट, ब्लैंक चेक लेकर साल्वर व अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले साल्वर को व्हाट्स ऐप के माध्यम से परीक्षा की उत्तर कुंजी उपलब्ध कराते हैं। जितेंद्र कुमार भारती को बताया गया कि उनके द्वारा विभिन्न अभ्यर्थियों से बीस-हजार से पचास हजार रुपये तक एडवांस तथा अंकपत्र व प्रवेश-पत्र की छायाप्रति, ब्लैंक चेक लेकर पुलिस भर्ती परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों /साल्वरों के व्हाट्सएप पर उत्तरकुंजी उपलब्ध कराये थे।

जितेन्द्र ने पूछताछ में बताया कि उसको प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी संजय गौड़ तथा बिट्टू यादव द्वारा परीक्षा से दो घण्टे पूर्व व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराया गया था। तथा बिट्टू यादव द्वारा पूछ-ताछ में बताया कि उसको प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी छपरा बिहार के रहने वाले अनूप पांडेय द्वारा व्हाट्सएप पर भेजा गया था। तथा संजय द्वारा बताया गया कि नटराज प्रजापति द्वारा मुझे प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी उपलब्ध कराया गया था। नटराज द्वारा बताया गया कि मुझे व्हाट्सएप पर प्रश्न पत्र की उत्तर कुंजी संजय द्वारा उपलब्ध कराया गया था। तथा अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हमलोग अभ्यर्थियों से पैसा, ब्लैंक चेक, मार्कशीट गारंटी के रूप में पहले से ही रख लेते हैं। तथा परीक्षा पास होने पर तीन-तीन लाख रुपये लेने की डील हुई थी ।

पकड़ने वाली टीम में यह लोग रहे शामिल

प्रभारी निरीक्षक सन्तोष कुमार तिवारी थाना इटवा, निरीक्षक सत्यप्रकाश सिंह एसटीएफ यूनिट गोरखपुर, एसओजी प्रभारी शेषनाथ यादव, सर्विलांस सेल प्रभारी सुरेन्द्र सिंह, एसआई रमेश कुमार साहनी, रमाकान्त सरोज, सर्वेश चन्द्र,आरक्षी विजय यादव, मनीष यादव ,राजीव शुक्ला, विरेन्द्र त्रिपाठी, छविराज यादव,सत्येन्द्र कुमार, रोहित चौहान आदि शामिल रहे।

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